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प्रस्तुत पुस्तक में भारतीय मूर्तिकला, स्थापत्य तथा चित् .... Read More
प्रस्तुत पुस्तक में भारतीय मूर्तिकला, स्थापत्य तथा चित्रकला के बहुआयामी स्वरूप को एक विश्लेषक की दृष्टि से देखकर पुस्तक के रूप में विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम के अनुरूप प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। इस प्रकार कलाओं की तीनों विधाओं के मिश्रण का एकमात्र कारण पाठ्यक्रम के अनुरूप समस्त सामग्री को एक पुस्तक के रूप में प्रस्तुत करना था। जिससे उनके अध्ययन करने में सुविधा प्राप्त हो सके।
Sr | Chapter Name | No Of Page |
---|---|---|
1 | 1. कुल-वृत्तान्त, जन्म, बाल्यावस्था, विवाह और झाँसीकी वर्णन | 17 |
2 | 2. महाराज गंगाधर रावका शासन-समय. | 18 |
3 | 3. झाँसी राज्यका पतन और अँगरेज़ी अमलदारीका आरम्भ | 31 |
4 | 4. गदरका आरम्भ और झाँसी में बलवा | 32 |
5 | 5. महारानी लक्ष्मीबाईका शासन-समय और झाँसी की लड़ाई | 45 |
6 | 6. झाँसीकी लूट और कालपी की लड़ाई | 27 |
7 | 7. ग्वालियर की लड़ाई और महारानी की मृत्यु | 55 |
8 | 8. उपसंहार | -75 |
9 | अध्याय 8. राष्ट्रकूट कालीन कला केन्द्र | -75 |