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सूक्ष्मजीवविज्ञान(Microbiology)
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सूक्ष्मजीवविज्ञान(Microbiology)

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Author(s): ( आचार्य श्री बालकृष .... )

Publisher: ( Pragati Prakashan )

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    सूक्ष्मजीवविज्ञान(Microbiology)

    वैज्ञानिक परिकल्पना एवं तथ्यों के आधार पर प्राक्कोशिकाओं का उद्भव लगभग 2.5 अरब वर्ष पूर्व हुआ था, किन्तु विषाणुओं की उत्पत्ति प्राक्कोशिकाओं से पूर्व हुई। अन्य जीवों की उत्पत्ति एवं विकास तो बहुत ही बाद की कड़ी है। सूक्ष्मजीव वे समस्त जीव होेते हैं जो नग्न नेत्रों से नहीं दिखाई देते किन्तु सूक्ष्मदर्शी के द्वारा उन्हें देखा जा सकता है। समस्त सूक्ष्मजीवों को कई श्रेणियों में विभक्त किया गया है, जैसे विषाणु (Virus) जीवाणु (Bacteria) कवक (Fungi)एक्टिनोमाइसिटीज (Actinomycetes) नील-हरित शैवाल (Cyanobacteria), रिकेट्शिया (Rickettsia), स्पाइरोकीट्स (Spirochaetes), माइकोप्लाज़्मा (Mycoplasma) आदि। ये समस्त सूक्ष्मजीव भिन्न-भिन्न वातावरण में रहते हैं एवं विभिन्न विधियों द्वारा निकट वातावरण से अपना भोजन प्राप्त करते हैं।

    ( आचार्य श्री बालकृष्ण, आर. सी. दुबे )

    Category: Higher Education
    ISBN: 978-93-5854-431-2
    Sr Chapter Name No Of Page
    1 खण्ड-I: सामान्य सूक्ष्मजीवविज्ञान, 1. सूक्ष्मजीवविज्ञान का इतिहास 4
    2 2. जीवाणु जगत और उसका अध्ययन 6
    3 3. जीवाणु कोशिका की संरचना 5
    4 4. जीवाणु वृद्धि 5
    5 5. निर्जर्मीकरण और कीटाणुशोधन 6
    6 6. संवर्धन माध्यम 3
    7 7. जीवाणु संवर्धन की विधियाँ 4
    8 8. जीवाण्विक रोगों का विकास 3
    9 खण्ड-II: नैदानिक सूक्ष्मजीवविज्ञान, 9. नैदानिक सूक्ष्मजीवविज्ञान 5
    10 10. श्वसन तन्त्र का संक्रमण 8
    11 11. अतिसारीय रोग और भोजन की विषाक्तता 9
    12 12. मूत्र मार्ग का संक्रमण और तपेदिक 6
    13 13. मैनिन्जाइटिस अथवा मस्तिष्क ज्वर 5
    14 14. रक्तपूतिता: त्वचा, घाव, जले अंग और आँखों का संक्रमण 5
    15 15. अज्ञात मूल का ज्वर 3
    16 16. जीवाणुरक्तता, सेप्टीसीमिया और अन्तर्हृदशोथ 6
    17 17. यौन संचारित रोग 12
    18 18. अस्पताल द्वारा अर्जित संक्रमण 4
    19 19. मानव कर्क रोग 6
    20 20. कवक रोग 16
    21 खण्ड-III: रोग प्रतिरक्षा विज्ञान, 21. रोग प्रतिरक्षा विज्ञान-मूल अवधारणा 13
    22 22. रोग प्रतिरोधक क्षमता 17
    23 23. ऊतक सुसंगति 5
    24 24. नैदानिक प्रतिरक्षा विज्ञान 6
    25 खण्ड-IV: सामान्य जीवाणुविज्ञान, 25. एशेरिकिया कोलाई 3
    26 26. बॉरटैला 3
    27 27. ब्रुसैला 2
    28 28. सिट्रोबैक्टर 2
    29 29. कोरिनीबैक्टीरियम 2
    30 30. हैलीकोबैक्टर पायलोरी 2
    31 31. हीमोफिलस 3
    32 32. निसेरिया 4
    33 33. स्यूडोमोनास 3
    34 34. शिगेला 4
    35 35. विब्रियो 2
    36 36. येर्सिनिया 3
    37 37. कैम्पिलोबैक्टर 2
    38 38. स्टेफाइलोकोकस 4
    39 39. स्ट्रैप्टोकोकस 3
    40 40. क्लेबसियेला और एण्टेरोबैक्टर 3
    41 41. माइकोबैक्टीरिया 4
    42 42. माइकोप्लाज्मा 3
    43 43. बीजाणु अनुत्पादक अवायुजीवी 4
    44 44. स्पाइरोकीट्स-ट्रीपोनीमा 3
    45 खण्ड-V: विषाणुविज्ञान, 45. विषाणु अध्ययन-एक परिचय 11
    46 46. डीएनए विषाणु 9
    47 47. यकृतशोथ विषाणु 5
    48 48. टोगाविरिडी 4
    49 49. पिकोर्नाविरिडी 4
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