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विगत कुछ वर्षों में विकासशील देशों की अधिकांश सरकारों ने .... Read More
विगत कुछ वर्षों में विकासशील देशों की अधिकांश सरकारों ने राष्ट्रीय विकास योजनाओं में अपनी भूमिकाओं को और अधिक दमदार बनाने तथा सेवाक्षेत्र में उन्नत निष्पादन के उद्देश्य से गहरी दिलचस्पी दिखाई है। लोगों की बढ़ती अपेक्षा ने सरकारों को समाज के सभी वर्गों की गरीबी दूर करने तथा जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने की नीतिया स्वीकार करने की खातिर विवश कर दिया है। अनिवार्यता के आधार पर जरूरतमंदों की जरूरत पूरी करना व्यक्तियों की मूलभूत आवश्यकता है। इस उद्देश्य के आधार पर विकासशील देशों की सरकारों को आर्थिक संतुलन, सामाजिक व्यवस्था में प्रभावी विकास तथा राजनीतिक प्रणाली की क्षमता वृद्धि में कई समस्याओं का सामना करना है। यही कारण है कि उन्होंने संबद्ध नीतियों में विकास सुनिश्चित कर लिया है। यह इस बात की स्वीकृति है कि पहुंच, योजनाएं और विचार अनिवार्य हैं, जो संबद्ध नीतियों के विकास में सहायक होंगे। इस उद्देश्य के लिए लोकनीति का अध्ययन गहरी पहुंच का द्योतक है।
Sr | Chapter Name | No Of Page |
---|---|---|
1 | 1- लोक नीति सैद्धांतिक परिदृश्य | 31 |
2 | 2- नीति विज्ञान एक ऐतिहासिक अनुक्रम | 22 |
3 | 3- नीति विज्ञान एक समीक्षा | 12 |
4 | 4- नीति विश्लेषण | 14 |
5 | 5- नीति विश्लेषण के लिए प्रतिमान | 43 |
6 | 6- नीति निर्माण प्रक्रिया में कार्यरत बल | 22 |
7 | 7- आधिकारिक नीति निर्माता | 36 |
8 | 8- भारत में नीति निर्माण | 22 |
9 | 9- नीति कार्यान्वयन | 20 |
10 | 10- नीति कार्यान्वयन के उपागम | 12 |
11 | 11- नीति मूल्यांकन | 24 |
12 | 12- नीति मूल्यांकन और नीति प्रभाव के उपागम | 14 |
13 | 13- नीति परिवर्तन और निरंतरता | 12 |
14 | 14- जनसंख्या नीति विकास | 25 |
15 | 15- भारत में स्वास्थ्य सेवा नीति और प्रशासन | 29 |
16 | 16- भारत में पर्यावरण नीति और राजनीति | 39 |
17 | 17- राष्ट्रीय नीति-निर्माण का वैश्वीकरण: एक अंतराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य | 39 |