"बहुत समय पहले हमने नियति से साक्षात्कार किया था और अब वह समय आ गया है कि हम अपने उस संकल्प को न केवल पूर्ण रूप से या समग्रता में, बल्कि उल्लेखनीय रूप से साकार करें। अर्धरात्रि के समय इस क्षण में जब दुनिया से रहीं है, भारत जीवन और स्वतंत्रता की और जाग रहा है।"
Sr | Chapter Name | No Of Page |
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1 | 1. फ्रांसीसी क्रांति की देन / प्रभाव / योगदान | 6 |
2 | 2. ब्रिटिश लोकतान्त्रिक राजनीतिक (1815-1850 ई०) | 46 |
3 | 3. औद्योगीकरण एवं भूमंडलीकरण | 13 |
4 | 4. उपनिवेशवाद एवं साम्राज्यवाद | 26 |
5 | 5. क्रांति एवं प्रतिक्रांति तथा विश्व युद्ध | 14 |
6 | 6. नाजीवाद एवं फांसीवाद (प्रतिक्रांति) | 5 |
7 | 7. द्वितीय विश्व युद्ध | 9 |
8 | 8. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का विश्व | 9 |
9 | 9. सोवियत संघ का विघटन एवं एक ध्रुवीय विश्व | 25 |
10 | 10. सम्पप्रदायवाद का विकास एवं भारत का विभाजन | 19 |
11 | 11. भारत में ब्रिटिश शक्ति का विस्तार | 29 |
12 | 12. न्याय व्यवस्था का विकास | 16 |
13 | 13. सिंघ का विलय (1843) | 3 |
14 | 14. उपनिवेशवाद एवं इसके विभिन्न चरण | 6 |
15 | 15. आधुनिक उद्योगों का सीमित विकास | 8 |
16 | 16. जन-जातिय एवं कृषक विद्रोह | 20 |
17 | 17. 1857 का विद्रोह | 12 |
18 | 18. आधुनिक राष्ट्रवाद का उद्भव एवं राष्ट्रीय आन्दोलन (1885-1947 ई०) | 25 |
19 | 19. जाति एवं नृजातित्व (1947-64 ई०) | 25 |