Whatsapp: 9528447153
Email Us: info@ebookselibrary.com
Call Us: 9528447153
Press Ctrl+G to toggle between English & Hindi
Kabir Granthawali
Image Not Available
Image Not Available
Image Not Available
Image Not Available
Image Not Available

Kabir Granthawali

  • 0.0

    0 Ratings

  • 0 Reviews

  • 77 Views

Author(s): ( Dr. Shyamsunderdas )

Publisher: ( Vani Prakashan )

इस संस्करण में कबीरदास जी के जो दोहे और पद सम्मिलित किए गए .... Read More

Buy Ebook 123.28

Price: 450 500
You Save 50
10% off

Rent Ebook Up to 8% off

Buy Chapters 18

  • Books Details

    Kabir Granthawali

    इस संस्करण में कबीरदास जी के जो दोहे और पद सम्मिलित किए गए हैं, उन्हें मैंने आजकल की प्रचलित परिपाटी के अनुसार खराद पर चढ़ाकर सुडौल, सुंदर और पिंगल के नियमों से शुद्ध बनाने का कोई उद्योग नहीं किया, वरन् मेरा उद्देश्य यही रहा है कि हस्तलिखित प्रतियों या ग्रंथसाहब में जो पाठ मिलता है, वही ज्यों-का-त्यों प्रकाशित कर दिया जाय। कबीरदास जी के पूर्व के किसी भक्त की वाणी नहीं मिलती। हिंदी साहित्य के इतिहास में वीरगाथा काल की समाप्ति पर मध्यकाल का आरम्भ कबीरदास जी से होता है, अतएव इस काल के वे आदिकवि हैं। उस समय भाषा का रूप परिमार्जित और संस्कृत नहीं हुआ था। जिस पर कबीरदास जी स्वयं पढ़े-लिखे नहीं थे। उन्होंने जो कुछ कहा है, वह अपनी प्रतिभा तथा भावुकता के वशीभूत होकर कहा है। उनमें कवित्व उतना नहीं था जितनी भक्ति और भावुकता थी। उनकी अटपट वाणी हृदय में चुभनेवाली है। अतएव उसे ज्यों का त्यों प्रकाशित कर देना ही उचित जान पड़ा और और यही किया भी गया है, हाँ, जहाँ मुझे स्पष्ट लिपिदोष देख पड़ा, वहाँ मैंने सुधार दिया है, और वह भी कम से कम उतना ही जितना उचित और नितांत आवश्यक था। - श्यामसुंदर दास

    ( Dr. Shyamsunderdas )

    Category: General
    ISBN: xxx-xxxx-xx-x
    Sr Chapter Name No Of Page
    1 कबीर ग्रंथावली 68
    2 पद 100
    3 रमैंणी 20
    4 साखी 12
    5 पदावली 12
  • Ratings & Reviews

    Ratings & Reviews

    0

    0 Ratings &
    0 Reviews

    5
    0
    4
    0
    3
    0
    2
    0
    1
    0

  • Preview